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कम्पनी खुद को नही बदल पायीं तो 160,000 कर्मचारियों को किया एक झटके में बाहर ।

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स्टोरी हेडलाइन:

“वक्त के साथ बदलने की ज़रूरत: कैसे कोडक जैसी कंपनियाँ इतिहास बन गईं और नई तकनीकें भविष्य का निर्माण कर रही हैं”

इंट्रो:

1997 में, कोडक जैसी दिग्गज कंपनियाँ फोटोग्राफी की दुनिया पर राज कर रही थीं। लगभग 160,000 कर्मचारियों और दुनिया की 85% फोटोग्राफी को अपने कैमरों से करवाने वाली कंपनी अब मार्केट से बाहर हो चुकी है। क्यों? क्योंकि समय के साथ खुद को नहीं बदल पाईं। इसी तरह कई और कंपनियाँ जैसे HMT, BAJAJ स्कूटर, और NOKIA भी बाज़ार से गायब हो गईं। आज, मोबाइल और डिजिटल क्रांति ने पूरी दुनिया को बदल दिया है, और आने वाले सालों में ये बदलाव और तेज़ हो सकते हैं।

मुख्य कंटेंट:

1. पुरानी कंपनियों का पतन:

  • कोडक का दिवाला: फोटोग्राफी मार्केट का लगभग एकाधिकार रखने वाली कोडक को डिजिटल कैमरा और स्मार्टफोन के आने के बाद खुद को बदलने में कठिनाई हुई, जिसका परिणाम कंपनी के दिवालिया होने और लाखों लोगों की नौकरी जाने में निकला।
  • अन्य दिग्गज कंपनियों का हाल: HMT, BAJAJ, और NOKIA जैसी कंपनियाँ, जिनकी क्वालिटी में कोई कमी नहीं थी, लेकिन बाजार की बदलती मांग और नई तकनीक को न अपनाने की वजह से वे इतिहास के पन्नों में दफन हो गईं।

2. नई दुनिया का निर्माण:

  • डिजिटल प्लेटफार्म्स का उदय: UBER और Airbnb जैसी कंपनियाँ, जिनका खुद का कोई भौतिक संसाधन नहीं है, ने पूरी तरह से नई व्यापार प्रणाली बनाई है। UBER के पास कोई गाड़ी नहीं, फिर भी दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी सर्विस है। इसी तरह Airbnb के पास कोई होटल नहीं, फिर भी यह सबसे बड़ी होटल चेन है।
  • AI और सॉफ्टवेयर का बोलबाला: IBM Watson जैसे सॉफ्टवेयर वकीलों और डॉक्टरों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये तकनीकें न केवल लागत कम कर रही हैं बल्कि सटीकता में भी इन्सानों को पीछे छोड़ रही हैं।

3. आने वाले सालों की संभावनाएँ:

  • वाहनों की दुनिया में क्रांति: 2030 तक सड़कों से 90% कारें गायब हो सकती हैं। ड्राइवरलेस कारें आम होंगी, और दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी। इसका असर न केवल ऑटोमोबाइल कंपनियों पर होगा बल्कि बीमा, ट्रैफिक पुलिस, और पार्किंग उद्योगों पर भी पड़ेगा।
  • नौकरियों का भविष्य: अगले 10-20 सालों में आज की 70%-90% नौकरियाँ समाप्त हो सकती हैं। AI और ऑटोमेशन मानव श्रम को बड़े पैमाने पर बदल देगा, जिससे केवल कुछ विशेष श्रमिक ही नौकरी पर बने रहेंगे।

4. भारत की स्थिति:

  • पिछले दशक का उदाहरण: जैसे मोबाइल क्रांति ने STD बूथ्स को खत्म किया, वैसे ही ऑनलाइन रिचार्ज और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स ने रिचार्ज की दुकानों को बदल दिया है। इसी तरह पेटीएम और अन्य डिजिटल वॉलेट्स ने बैंकिंग को एक नया रूप दिया है।
  • भविष्य की तैयारी: भारत में भी ऑटोमेशन, AI, और डिजिटल क्रांति अपने पैर पसार रही है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि कौन से उद्योग इस बदलाव के साथ खुद को ढालते हैं और कौन इतिहास का हिस्सा बनते हैं।

निष्कर्ष:

तकनीकी विकास न केवल हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को बदल रहा है, बल्कि बड़े उद्योगों को भी हिला रहा है। जो कंपनियाँ और लोग समय के साथ बदलने की कोशिश नहीं करते, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। कोडक और अन्य दिग्गजों की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि बदलाव के साथ खुद को ढालना कितना ज़रूरी है।

“भारत तंत्र” इसी बदलाव की कहानियाँ लाता रहेगा, ताकि आप वक्त के साथ चलते रहें।


नोट: इस स्टोरी में आप कोडक से लेकर नई तकनीकों तक एक यात्रा दिखा सकते हैं और उदाहरणों से इसे प्रभावी बना सकते हैं।

Bharat Tantra
Author: Bharat Tantra

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