बॉबी पंवार का जीवन किसी बॉलीवुड फिल्म के खलनायक से कम नहीं लगता। छात्र राजनीति के इस ‘कहानी के विलेन’ ने ऐसा ड्रामा रचा है कि अब वे सिर्फ छात्रों के नहीं बल्कि उत्तराखंड के राजनीति के बड़े चेहरों के निशाने पर आ गए हैं। प्रीतम सिंह के आरोपों के बाद ऐसा लग रहा है मानो बॉबी पंवार पिटकुल के एक बड़े अधिकारी के गॉडफादर की भूमिका निभा रहे हों। वह अधिकारी जो वर्तमान नॉन-टेक्निकल और अयोग्य होकर भी यूपीसीएल का MD बनने का सपना देख रहा है, उसका ये सपना शायद ‘बॉबी पवार प्रोडक्शन्स’ के बैनर तले ही लॉन्च करने की कोशिश हो रही है!
अब सवाल ये उठता है कि आखिर बॉबी पंवार एक ही अधिकारी के पीछे क्यों पड़े हैं? प्रीतम सिंह का कहना है कि इसके पीछे बॉबी की ‘सांठगांठ’ है, जिससे अब ऐसा लग रहा है कि पंवार एक ‘सीक्रेट एजेंट’ की भूमिका निभा रहे हैं, जिसका मिशन एक अधिकारी को यूपीसीएल के सिंहासन पर बिठाना है। यह तो वही बात हो गई कि “मिशन इंपॉसिबल: ऊर्जा विभाग एडिशन” चल रही हो।
हाल ही में सचिवालय में आईएएस मीनाक्षी सुंदरम और उनके स्टाफ के साथ अभद्रता और धक्का-मुक्की करके बॉबी ने शायद यह साबित करने की कोशिश की कि वे इस ‘पॉवर गेम’ में किसी से कम नहीं। अब सवाल ये है कि इस गठजोड़ की असलियत क्या है? क्या बॉबी वाकई पिटकुल के उक्त अधिकारी के ‘किंगमेकर’ बनने की कोशिश में हैं और यह अधिकारी कौन है?
सरकार से इस ‘बॉबी पवार – अधिकारी गठबंधन’ की जांच की मांग तो हो गई है, अब देखना यह होगा कि इस ‘थ्रिलर मूवी’ का अंत क्या होता है।