गुलशन कुमार की हत्या बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के काले रिश्तों की एक बेहद खौफनाक कहानी है। टी-सीरीज़ के संस्थापक और म्यूजिक इंडस्ट्री के “कैसेट किंग” गुलशन कुमार की हत्या 12 अगस्त 1997 को मुंबई के जितेश्वर महादेव मंदिर के बाहर हुई थी, जब उन्हें 16 गोलियां मारी गईं। इस हत्या के पीछे अंडरवर्ल्ड का सीधा हाथ था, और यह घटना भारत के मनोरंजन उद्योग और अंडरवर्ल्ड के बीच गहरे संबंधों को उजागर करती है।
गुलशन कुमार की हत्या के पीछे अंडरवर्ल्ड की भूमिका:
1. हत्याकांड की साजिश:
गुलशन कुमार की हत्या की साजिश अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके करीबी सहयोगी छोटा शकील के इशारे पर रची गई थी। इस हत्याकांड में अबू सलेम और अन्य अंडरवर्ल्ड शूटरों का भी हाथ था। यह घटना उस समय हुई, जब बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री में अंडरवर्ल्ड का दबदबा था।
2. फिरौती और धमकियां:
हत्या के पीछे सबसे प्रमुख कारण अंडरवर्ल्ड द्वारा गुलशन कुमार से की गई फिरौती की मांग थी। उस समय अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड के निर्माताओं, प्रोड्यूसरों और म्यूजिक कंपनियों से भारी फिरौती वसूला करता था। गुलशन कुमार को भी फिरौती देने के लिए धमकी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया और अंडरवर्ल्ड के आगे झुकने से इनकार कर दिया। उनका यह विरोध ही उनकी हत्या की मुख्य वजह बना।
3. कॉम्पिटिशन में शामिल कलाकारों की भूमिका:
इस हत्या के पीछे यह भी माना जाता है कि म्यूजिक इंडस्ट्री में गुलशन कुमार के बढ़ते वर्चस्व से कुछ लोग जलने लगे थे। टी-सीरीज़ की तेजी से बढ़ती सफलता, जिसने बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी, के कारण कई बड़े संगीतकार और गायक उनसे नाराज थे। गुलशन कुमार अपनी कंपनी के जरिए म्यूजिक इंडस्ट्री पर नियंत्रण कर रहे थे, और यह बात इंडस्ट्री में पहले से स्थापित कुछ लोगों को खटकने लगी थी।
4. नदीम-श्रवण का नाम:
हत्या के बाद, मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी नदीम-श्रवण के नदीम सैफी का नाम भी इस साजिश में आया। यह आरोप लगा कि नदीम ने गुलशन कुमार की हत्या के लिए अबू सलेम और अन्य अंडरवर्ल्ड से संपर्क किया था, क्योंकि गुलशन कुमार के साथ उनके व्यावसायिक मतभेद थे। हालांकि, नदीम ने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया और वह भारत छोड़कर लंदन चले गए, जहां से उन्होंने निर्वासन में अपना जीवन व्यतीत किया।
5. धार्मिक परोपकार:
गुलशन कुमार एक धार्मिक व्यक्ति थे और उन्होंने कई मंदिरों और धार्मिक संगठनों में भारी दान दिया। इसके अलावा, वह गरीबों की मदद करने और धार्मिक आयोजन करने में भी सक्रिय थे। माना जाता है कि उनकी धार्मिक गतिविधियों और म्यूजिक इंडस्ट्री में सफलता ने अंडरवर्ल्ड को नाराज कर दिया था, क्योंकि वह अंडरवर्ल्ड के दबाव में आकर काम नहीं करते थे।
अंडरवर्ल्ड का मकसद:
अंडरवर्ल्ड का मकसद साफ था— धन उगाही और वर्चस्व। दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील जैसे माफिया सरगनाओं का बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री पर गहरा प्रभाव था। वे फिल्म निर्माताओं, प्रोड्यूसरों, और म्यूजिक कंपनियों से जबरन धन वसूलते थे। गुलशन कुमार जैसे लोग, जो अंडरवर्ल्ड की धमकियों के आगे झुकने से मना कर देते थे, उनके लिए खतरा बन गए थे।
गुलशन कुमार की हत्या का मुख्य मकसद यह था कि दूसरों को डराया जाए और दिखाया जाए कि अंडरवर्ल्ड की मर्जी के खिलाफ जाने का क्या अंजाम हो सकता है। उनकी हत्या एक चेतावनी थी कि अगर आप माफिया के नियमों के खिलाफ जाएंगे, तो आपकी जान को खतरा होगा।
हत्या के बाद की जांच:
गुलशन कुमार की हत्या के बाद पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें शूटर और अंडरवर्ल्ड के छोटे-बड़े गुर्गे शामिल थे। अबू सलेम और छोटा शकील का नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में आया, लेकिन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील जैसे बड़े नाम अब भी भारत से बाहर छिपे हुए हैं। इस केस में नदीम सैफी का नाम भी साजिशकर्ताओं में लिया गया, लेकिन वह लंदन में रहकर भारत की कानूनी प्रक्रिया से बचते रहे।
निष्कर्ष:
गुलशन कुमार की हत्या ने यह साफ कर दिया कि 90 के दशक में बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री पर अंडरवर्ल्ड का दबदबा कितना गहरा था। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं थी, बल्कि एक पूरे उद्योग पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश थी।
गुलशन कुमार जैसे प्रतिभाशाली और सफल व्यक्ति, जिन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने दम पर एक साम्राज्य खड़ा किया था, उनकी हत्या ने भारतीय मनोरंजन जगत के अंधेरे पक्ष को उजागर किया। यह मामला आज भी उन सवालों को जिंदा रखता है कि आखिर कब तक अंडरवर्ल्ड का साया बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री पर बना रहेगा, और क्या कभी उन अपराधियों को सजा मिल पाएगी जो इन हत्याओं के पीछे हैं।